कोर्ट में विचाराधीन चालानों का भी गूगल पे से आनलाइन करें भुगतान

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कोर्ट में साढ़े तीन करोड़ से अधिक ई-चालान लंबित

लखनऊ। कोर्ट में विचाराधीन चालानों का निस्तारण कराने के लिए अब शमन शुल्क के भुगतान के लिए पे-नाओ एप के माध्यम से आनलाइन भुगतान की सुविधा आरंभ की गई है। कोर्ट में साढ़े तीन करोड़ से अधिक ई-चालान लंबित हैं। नई प्रणाली से इनके निस्तारण में तेजी आएगी।

यातायात निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार वाहन स्वामियों की सुविधा के लिए यह पहल की गई है। कोर्ट में चालान के विचाराधीन होने की दशा में उसका भुगतान संबंधित पोर्टल के माध्यम से संभव नहीं होता था। इससे वाहन के नामांतरण, परमिट के नवीनीकरण, फिटनेस प्रमाण पत्र जारी होने, वाहन बिक्री-पंजीकरण प्रकिया व बीमा दावों की स्वीकृति में दिक्कतें आ रही थी।

ई-चालान होने पर तीन दिनों के भीतर शमन शुल्क का आनलाइन भुगतान किया जा सकता है। तीन दिनों के बाद चालान कोर्ट पहुंच जाता है। तब उसके निस्तारण के लिए वाहन स्वामी को कोर्ट से नोटिस जारी होने अथवा लोक अदालत की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। वाहन स्वामियों की दिक्क्तों को देखते हुए तकनीकी प्रणाली में सुधार किया गया है।

आइजी यातायात सुभाष चन्द्र दुबे के अनुसार अब पे-नाओ एप के माध्यम से चालान के आनलाइन भुगतान की व्यवस्था की गई है। परिवहन मंत्रालय की वेबसाईट हत्तपः://ेचलन.परिवहन। gov.in के माध्यम से चालान का आनलाइन भुगतान करने के लिए सबसे पहले चेक चालान स्टेटस का विकल्प चुनें। इसके बाद वाहन नंबर व चालान नंबर दर्ज करें। फिर चालान विवरण में पे-नाओ के विकल्प पर क्लिक करें।

आनलाइन भुगतान गेट-वे से चालान की राशि का भुगतान करें। भुगतान के बाद उसकी रसीद डाउनलोड कर लें। भुगतान की स्थिति अपडेट होने के उपरांत वाहन स्वामी परिवहन विभाग में नामांतरण, नवीनीकरण, परमिट व अन्य कार्यों को आगे बढ़ा सकते हैं। कोर्ट में बड़ी संख्या में यातायात चालान लंबित हैं। नई सुविधा से उनका तेजी से निस्तारण हो सकेगा।

यहां करें संपर्क
वाहन चालक सहायता के लिए यातायात निदेशालय के कंट्रोल रूम के नंबर 9454402555, टोल फ्री नंबर 1800-180-1490 तथा ईमेल आइडी dirtraffic@nic.in पर संपर्क कर सकते हैं।

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